ऐ नाजनीन सुनो ना हमे तुम पे हक तो दो ना, चाहे तो जान लो ना - The Indic Lyrics Database

ऐ नाजनीन सुनो ना हमे तुम पे हक तो दो ना, चाहे तो जान लो ना

गीतकार - महबूब | गायक - अभिजीत | संगीत - ए. आर. रहमान | फ़िल्म - दिल ही दिल में | वर्ष - 2000

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ऐ नाजनीन सुनो ना
हमे तुम पे हक तो दो ना
चाहे तो जान लो ना
कि देखा तुम्हें तो होश उड गए
ये होंठ जैसे खुद ही सिल गए
लगता है की तुमको रब ने बनाया जिस दम
अपनी कुदरतों को उसने तुम में कर दिया था गुम
इस जहां को हुस्न बांटना भी कर दिया था कम
तिखे तिखे नैन नक्श तेरे, कलियों से कोमल होंठ तेरे
फुलों से नाजुक पाँव तेरे, दोनो जहां कुर्बान तेरे
तराशा प्यार से जिसे रब ने वो मूरत हो तुम
संतराशों की जैसे देवी तुम, तुमसा जहां में कोई ना
पर्दा खयालों का है, सचमुच जरा सामने आ
चांद को मैं तकता हूँ पर तेरी शक्ल आँखों में
जी जलाए चांदनी भी ठंडी ठंडी रातों में
नाता निंदो से टूट गया, तेरे लिए ऐ मेरे हसीं
दिल को यकीं ये भी है मगर, आएगा ऐसा दिन भी कभी
जब मुलाकातें भी होंगी, मीठी सी बातें भी होंगी
प्यार भरी रातें भी होंगी, देखना आने की खबर दो ना