काश ऐसा कोई मंज़र होता - The Indic Lyrics Database

काश ऐसा कोई मंज़र होता

गीतकार - ताहिर फ़राज़ | गायक - हरिहरन | संगीत - हरिहरन | फ़िल्म - काश | वर्ष - Nil

View in Roman

काश ऐसा कोई मंज़र होता
मेरे काँधे पे तेरा सर होता
जमा करता हुआ जो मैं आये हुए संग
सर छुपाने के लिए घर होता
इस बुलंदी पे बहोत तनहा हूँ
काश मैं सब के बराबर होता
उसने उलझा दिया दुनिया में मुझे
वरना एक और कलंदर होता