सबको मालूम है मैं शराबी नहीं - The Indic Lyrics Database

सबको मालूम है मैं शराबी नहीं

गीतकार - अन्वर फरुकाबादी | गायक - पंकज उधास | संगीत - Nil | फ़िल्म - Nil | वर्ष - Nil

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सबको मालूम है मैं शराबी नहीं
फिर भी कोई पिलायें तो मैं क्या करूँ
सिर्फ़ इक बार नज़रों से नज़रें मिलें
और कसम टूट जाये तो मैं क्या करूँ
मुझ को मयकश समझते हैं सुब वादाकश
क्यों की उनकी तरह लडखडाता हूँ मैं
मेरी रग रग में नशा मोहब्बत का है
जो समझ में ना आये तो मैं क्या करूँ
मैंने मांगी थी मस्जिदों में दुआँ
मैं जिसे चाहता हूँ वो मुझको मिले
मेरा जो फ़र्ज़ था मैंने पूरा किया
अगर खुदा ही न चाहे मैं क्या करूँ
हाल सुनकर मेरा सहमे सहमे हैं वो
कोई आया है जुल्फें बिखेरे हुये
मौत और ज़िंदगी दोनो हैरान हैं
दम निकलने ना पाये तो मैं क्या करूँ
कैसी लत, कैसी चाहत, कहाँ की ख़ता
बेखुदी में है अन्वर खुद ही का नशा
ज़िंदगी एक नशे के सिवा कुछ नहीं
तुमको पीना ना आये तो मैं क्या करूँ