छुटे असीर तो बदला हुआ ज़माना था - The Indic Lyrics Database

छुटे असीर तो बदला हुआ ज़माना था

गीतकार - केदार शर्मा | गायक - के एल सहगल | संगीत - तिमिर बरन | फ़िल्म - देवदास | वर्ष - 1935

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छुटे असीर तो बदला हुआ ज़माना था
न फूल थे न चमन था न आशियाना थाउजड़ चुका जो छोटा सा आशियाना था
वह मिट चुका है फ़िदा जिसपे एक ज़माना थावह बाग़ ही ना रहा जिसपे नाज़ था मुझको
वह शाख ही न रही जिसपे आशियाना थाकिया असीर मुझे लज्जत-ए-असीर ने जब
वह उड़के दामां में आने का एक बहाना थान पूछ उजड़े नशेमन की दास्तान न पूछ
थे चार तिनके मगर नाम आशियाना था