दिल हि दिल में सुलग के बुझे हमो - The Indic Lyrics Database

दिल हि दिल में सुलग के बुझे हमो

गीतकार - ज़िया जालंधरी | गायक - आशा भोंसले | संगीत - नज़र हुसैन | फ़िल्म - कशिश (गैर फिल्म) | वर्ष - 1988

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दिल ही दिल में सुलगके बुझे हम और सहे ग़म दूर ही दूर
तुमसे कौन सी आस बँधी थी तुमसे रहे हम दूर ही दूरतुमने हमको जब भी देखा, ???लब थे या ख़ामोश
यूँ तो अक्सर रोये लेकिन छुप छुप कम कम दूर ही दूरएक वो आन कि उनकी ज़रा सी बात गवारा कर ना सके
एक ये हाल कि याद में उनकी रोए पैहम दूर ही दूरतर्क-ए-तलब पर ख़ुश थे कि आखिर काम लिया दानाई से
किसको ख़बर है जलते रहे तुम जलते रहे हम दूर ही दूर