आशिक हुन इक लोग कहां मुजे पगला कहीं का - The Indic Lyrics Database

आशिक हुन इक लोग कहां मुजे पगला कहीं का

गीतकार - कैफ भोपाली | गायक - लता मंगेशकर, सहगान | संगीत - गुलाम मोहम्मद | फ़िल्म - पाकीज़ा | वर्ष - 1971

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( आशिक़ हूँ इक माहज़बीं का
लोग कहें मुझे पगला कहीं का ) -२
दिल की तमन्ना पूरी कर दो
साथी बना लो मुझे ज़िन्दगी का
आशिक़ हूँ इक ...

महफ़िल-महफ़िल धूम मचाऊँ -२
पागल बनकर नाच दिखाऊँ -२
जान-ए-तमन्ना साथ है मेरे -२
हाल न पूछो मेरी ख़ुशी का
आशिक़ हूँ इक ...

जाने वो कैसी जान-ए-जहाँ है -२
उसके बिना तो चैन कहाँ है -२
शाम-सबेरा कुछ नहीं देखूँ -२
फेरा मारूँ उसकी गली का
आशिक़ हूँ इक ...

एक सनम को अपना लिया है -२
प्यार का बंधन बाँध लिया है -२
मुझको तो अपना होश नहीं है -२
मुझपे नशा है आशिक़ी का
आशिक़ हूँ इक ...