आँख को जाम समझ बैठा था - The Indic Lyrics Database

आँख को जाम समझ बैठा था

गीतकार - शमीम शाहाबादी | गायक - जगजीत सिंह | संगीत - सी के चौहान | फ़िल्म - (गैर फिल्म) | वर्ष - 1966

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आँख को जाम समझ बैठा था, अन्जाने में
साक़िया! होश कहाँ था तेरे दीवाने में?
जाने किस बात की उनको है शिक़ायत मुझ से
नाम तक जिन का नहीं है मेरे अफ़साने में
दिल के टुकड़ों से तेरी याद की ख़ुशबू न गयी
बू-ए-मै बाकी है टूटे हुए पैमाने में
दिल-ए-बर्बाद में उम्मीद का आलम क्या है
टिमटिमाती हुइ एक शमा है वीराने में