कोई जाने कोई ना जाने कैसा ये प्यार है अल्लाह अल्लाह - The Indic Lyrics Database

कोई जाने कोई ना जाने कैसा ये प्यार है अल्लाह अल्लाह

गीतकार - जावेद अख्तर | गायक - कविता कृष्णमूर्ति, नुसरत फतेह अली खान | संगीत - नुसरत फतेह अली खान | फ़िल्म - और प्यार हो गया | वर्ष - 1997

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कोई जाने कोई न जाने ये परवाने होते हैं दीवाने
देखो ये दो परवाने हैं दोनों ही दीवाने
जब से मिली हैं आँखें होश हैं दोनों ही के गुम
कैसा खुमार है अल्लाह अल्लाह
कैसा ये प्यार है अल्लाह अल्लाहदुनिया को हमने भुलाया जो तुमको है पाया
प्यार का नाज़ुक धागा हमें कहां ले आया
लेकिन सुना तो दुनिया में ये क्या अफ़साने हैं
कहते हैं दुनिया वाले के हम दीवाने हैं
दिल की बातें ये दिल ही जाने कब समझी हैं वे बातें दुनिया ने
तो फिर मशहूर है जो हमको मंज़ूर है वो
जब से मिली हैं आँखें होश हैं दोनों ही के गुम
कैसा ये इकरार है अल्लाह अल्लाहदेखो तो ये लगता है के आसान है मंज़िल
सोचो तो दिल कहता है कि आयेगी मुश्किल
देखना सोचना कैसा जो दिल ही दे डाला
लोगों ने तो है पहन ली प्रेम की ये माला दिल की
सुन ले ज़मीं सुन ले आसमां दोनों के प्यार की ये दास्तां
दोनों में है कैसी दीवानगी दोनों दीवाने चले हैं कहां
मन में उमंग लेकर तन में तरंग लेकर
छोड़ चले दोनों दुनियां की गलियां