आज हम आपनी दुआओं का असर देखेंगे - The Indic Lyrics Database

आज हम आपनी दुआओं का असर देखेंगे

गीतकार - कैफ भोपाली | गायक - लता मंगेशकर, सहगान | संगीत - गुलाम मोहम्मद | फ़िल्म - पाकीज़ा | वर्ष - 1971

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( आज हम अपनी दुआओं का असर देखेंगे
तीर-ए-नज़र देखेंगे
ज़ख़्म-ए-जिगर देखेंगे
तीर-ए-नज़र देखेंगे ) -२हो
आप तो आँख मिलाते हुए शरमाते हैं -२
आप तो दिल के धड़कने से भी डर जाते हैं
फिर भी ये ज़िद है के हम ज़ख़्म-ए-जिगर देखेंगे
( तीर-ए-नज़र देखेंगे
ज़ख़्म-ए-जिगर देखेंगे
तीर-ए-नज़र देखेंगे ) -२
ज़ख़्म-ए-जिगर देखेंगेहो
प्यार करना दिल-ए-बेताब बुरा होता है -२
सुनते आये हैं के ये ख़ाब बुरा होता है
आज इस ख़ाब की ताबीर मगर देखेंगे
( तीर-ए-नज़र देखेंगे
ज़ख़्म-ए-जिगर देखेंगे
तीर-ए-नज़र देखेंगे ) -२
ज़ख़्म-ए-जिगर देखेंगेजानलेवा है मुहब्बत का समाँ आज की रात
शम्मा हो जायेगी जल-जल के धुआँ आज की रात
आज की रात बचेंगे तो सहर देखेंगे
आज की रात
आज की रात बचेंगे तो सहर देखेंगे
तीर-ए-नज़र देखेंगे
ज़ख़्म-ए-जिगर देखेंगेआज हम अपनी दुआओं का असर देखेंगे
तीर-ए-नज़र