वो जो हम में तुम में क़रार था - The Indic Lyrics Database

वो जो हम में तुम में क़रार था

गीतकार - मजरूह सुल्तानपुरी | गायक - लता मंगेशकर | संगीत - मदन मोहन | फ़िल्म - अकेली मत जइयो | वर्ष - 1963

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वो जो हम में तुम में क़रार था
तुम्हें याद हो कि ना याद हो
वही यानी वादा निबाह का
तुम्हें याद हो कि ना याद हो
वो जो लुत्फ़ मुझ पे थे पेश-तर
वो करम कि था मेरे हाल पर
मुझे सब है याद ज़रा ज़रा
तुम्हें याद हो कि ना याद हो
वो नए गिले वो शिकायतें
वो मज़े मज़े की हिकायतें
वो हर एक बात पे रूठना
तुम्हें याद हो कि ना याद हो
कभी हम में तुम में भी चाह थी
कभी हमसे तुमसे भी राह थी
कभी हम भी तुम भी थे आशना
तुम्हें याद हो कि ना याद हो
कोई बात ऐसी अगर हुई
जो तुम्हारे जी को बुरी लगी
तो बयाँ से पहले ही भूलना
तुम्हें याद हो कि ना याद हो
जिसे आप गिनते थे आशना
जिसे आप कहते थे बावफ़ा
मैं वही हूँ मोमिन-ए-मुब्तला
तुम्हें याद हो कि ना याद हो