किस ना ये सब खेल रचना: - The Indic Lyrics Database

किस ना ये सब खेल रचना:

गीतकार - पं सुदर्शन | गायक - के एल सहगल | संगीत - पंकज मलिक | फ़िल्म - धरतीमाता | वर्ष - 1938

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किस न?
किस न, किस न यह सब खेल रचाया
किस न यह सब साज सजाया
अपने आप सभी कुछ करके अपना आप छुपाया
अपना आप छुपाया, किस नकोमल कोमल प्यारे पौधे (२)
धान-पान मतवारे पौधे
इनके ऊपर आकर छिड़की रंग-रूप की माया (२)
अपने आप सभी कुछ करके अपना आप छुपाया
अपना आप छुपाया, किस नअंधेरे में सोते थे ये बिलकुल बेसुध होते थे ये (२)
नींद कुरी के मदमातों को नींद से आन जगाया (२)
अपने आप सभी कुछ करके अपना आप छुपाया
अपना आप छुपाया, किस नहरा-भरा गुलज़ार खिला है
सरसों का संसार खिला है
देख-देख मन में सुख होवत, अखियन नूर समाया (२)
अपने आप सभी कुछ करके अपना आप छुपाया
अपना आप छुपाया, किस नकिस न?