सब कुछ सीखा हमने, ना सीखी होशियारी - The Indic Lyrics Database

सब कुछ सीखा हमने, ना सीखी होशियारी

गीतकार - शैलेंद्र | गायक - मुकेश | संगीत - शंकर जयकिशन | फ़िल्म - अनाडी | वर्ष - 1959

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सब कुछ सीखा हमने, ना सीखी होशियारी
सच है दुनिया वालों के हम हैं अनाड़ी
दुनिया ने कितना समझाया, कौन है अपना कौन पराया
फिर भी दिलकी चोट छुपाकर, हमने आपका दिल बहलाया
खुद ही मर मिटने की ये ज़िद है हमारी
दिल का चमन उजड़ते देखा, प्यार का रंग उतरते देखा
हमने हर जीनेवाले को, धन-दौलत पे मरते देखा
दिल पे मरनेवाले मरेंगे भिकारी
असली-नकली चेहरे देखे, दिल पे सौ-सौ पहरे देखे
मेरे दुखते दिल से पूछो, क्या-क्या ख़्वाब सुनहरे देखे
टूटा जिस तारे पे नज़र थी हमारी