दिल से तेरी निगाह जिगर तक उतर गई कारवां ए हयात - The Indic Lyrics Database

दिल से तेरी निगाह जिगर तक उतर गई कारवां ए हयात

गीतकार - ग़ालिब | गायक - के एल सहगल | संगीत - मिहिर किरण भट्टाचार्य | फ़िल्म - कारवां-ए-हयात | वर्ष - 1935

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दिल से तेरी निगाह जिगर तक उतर गई -२
दोनों को इक अदा में रज़ामन्द कर गई -२वो बादा-ए-शबाना की सरमस्तियाँ कहाँ
उठिये बस अब के लज़्ज़त-ए-ख़ाब-ए-सहर गई -२देखो तो दिल-फ़रेबी-ए-अन्दाज़-ए-नक़्श-ए-पा -२
मौज-ए-ख़िराम-ए-यार भी क्या गुल कतर गई -२नज़्ज़ारे ने भी काम किया वाँ नक़ाब का -२
मस्ती से हर निगह तेरे रुख़ पर बिखर गई -२मारा ज़माने ने
मारा ज़माने ने असदुल्लाह ख़ाँ तुम्हें -२
वो वलवले वो
वो वलवले कहाँ वो जवानी किधर गई -२