बरसात के मौसम में अबि ज़िंदा हुन तो - The Indic Lyrics Database

बरसात के मौसम में अबि ज़िंदा हुन तो

गीतकार - इन्दीवर | गायक - कुमार सानू | संगीत - अनु मलिक | फ़िल्म - नाजायज़ | वर्ष - 1995

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बरसात के मौसम में तन्हाई के आलम में -२
मैं घर से निकल आया बोतल भी उठा लाया
अबी ज़िन्दा हूँ तो ( जी लेने दो ) -२
भरी बरसात में पी लेने दो -२( मुझे टुकड़ों में नहीं जीना है
क़तरा क़तरा तो नहीं पीना है ) -२
हो आज पैमाने हटा दो यारों
हाँ सारा मैख़ाना पिला दो यारों
मैकदों में तो पिया करता हूँ -२
चलती राहों में तो पी लेने दो
अबी ज़िन्दा हूँ तो ...( मेरे दुश्मन हैं ज़माने के ग़म
बाद पीने के ये होंगे कम ) -२
हो ज़ुल्म दुनिया के न सह पाऊँगा
बिन पिए आज न रह पाऊँगा
मुझे हालात से टकराना है -२
ऐसे हालात में पी लेने दो
अबी ज़िन्दा हूँ तो ...