मैं जिंदगी में हरदम रोटा हि रह हुं - The Indic Lyrics Database

मैं जिंदगी में हरदम रोटा हि रह हुं

गीतकार - हसरत जयपुरी | गायक - मोहम्मद रफ़ी | संगीत - शंकर, जयकिशन | फ़िल्म - बरसात | वर्ष - 1949

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मैं ज़िंदगी में हरदम रोता ही रहा हूँ
रोता ही रहा हूँ, तड़पता ही रहा हूँ
मैं ज़िंदगी ...उम्मीद के दिये बुझे दिल में है अंधेरा
जीवन का साथी न बना कोई भी मेरा
फिर किसके लिये
फिर किसके लिये आज मैं जीता ही रहा हूँ
मैं ज़िंदगी ...रह-रह के हँसा है मेरी हालत पे ज़माना
क्या दुख है मुझे ये तो किसी ने भी न जाना
ख़ामोश
ख़ामोश मोहब्बत लिये फिरता ही रहा हूँ
मैं ज़िंदगी ...आई न मुझे रास मोहब्बत की फिज़ायें
शरमाई मेरी आँख से सावन की घटाएं
लहरों में सदा
लहरों में सदा ग़म को बहाता ही रहा हूँ
मैं ज़िंदगी ...