कोई प्रेम का दे के सां - The Indic Lyrics Database

कोई प्रेम का दे के सां

गीतकार - शम्स लखनविक | गायक - नूरजहां | संगीत - सज्जाद | फ़िल्म - दोस्त | वर्ष - 1944

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कोई प्रेम का दे के सन्देसा
हाय लूट गया, हाय लूट गया
आज नाज़ुक मेरे दिल का शीशा
हाय टूट गया, हाय टूट गयाआँखों आँखों में दिल को चुराया
चोर पाया मगर फिर गँवाया
उनके दामन का हाथों से कोना
हाय छूट गया, हाय छूट गयासुनी पहले पहल ये कहानी
हूक उठ्ठी तो भड़की जवानी
ठेस लगने से इस दिल का छाला
हाय फूट गया, हाय फूट गयाखेलने को उन्हें दिल दिया था
तोड़ने के लिए कब कहा था
हाथा-पायी में मेरा खिलौना
हाय टूट गया, हाय टूट गया