बादल गरजा बिजली चमकी मैं प्यार में हुं - The Indic Lyrics Database

बादल गरजा बिजली चमकी मैं प्यार में हुं

गीतकार - समीर | गायक - अनुराधा पौडवाल, शान | संगीत - अनु मलिक | फ़िल्म - अब के बरस | वर्ष - 2002

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बादल गरजा बिजली चमकी बरस बरस बरसात हुई
पर ऐसे ना सुलगीं साँसें अबके बरस क्या बात हुई
मैं प्यार में हूँ मुझे प्यार हो गया
मेरा दिल मेरा नहीं मेरा दिल खो गया
तेरी आँखों की नींद बनके
तेरी आँखों में सो गया
मैं प्यार में हूँ ...एक तेरे सिवा कुछ दिखाई न दे
धड़कनों के सिवा कुछ सुनाई न दे
ये तो असर है दीवानगी का
आया है मौसम ये आशिक़ी का
पलकों में रख ले सपना बना के
ले जा मुझे तू मुझसे चुरा के
गोरी सी बाहों में खुश्बू की राहों में
जाने कहाँ खो गया
मैं प्यार में हूँ ...टूट के चुभ गया कोई शीशा कहीं
दर्द होता कहाँ कुछ पता भी नहीं
जान-ए-तमन्ना जाने न जिसको
दर्द-ए-मोहब्बत कहते हैं इसको
इस दर्द में भी आराम आए
कोई किसी को कैसे बताए
ऐसा है ऐसा है जादू ये ऐसा है
सीने से मुझको लगा
मैं प्यार में हूँ ...