ऐ मेरे हमसफर, एक जरा इंतजार - The Indic Lyrics Database

ऐ मेरे हमसफर, एक जरा इंतजार

गीतकार - मजरूह सुल्तानपुरी | गायक - अलका याज्ञिक - उदित नारायण | संगीत - आनंद - मिलींद | फ़िल्म - क़यामत से क़यामत तक | वर्ष - 1988

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ऐ मेरे हमसफ़र, एक ज़रा इन्तज़ार
सुन सदाएँ दे रही है, मंज़िल प्यार की
अब है जुदाई का मौसम, दो पल का मेहमाँ
कैसे ना जाएगा अंधेरा, क्यो ना थमेगा तूफ़ाँ
कैसे ना मिलेगी मंज़िल प्यार की
प्यार ने जहाँ पे रखा है, झूम के कदम एक बार
वहीं से खुला है कोई रस्ता, वहीं से गिरी है दीवार
रोके कब रुकी है, मंज़िल प्यार की