याद करने से तुझको निकलती है जान - The Indic Lyrics Database

याद करने से तुझको निकलती है जान

गीतकार - फैज़ अनवर | गायक - अभिजीत | संगीत - निखिल विनय | फ़िल्म - आशिकी (गैर-फिल्म) | वर्ष - 2001

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याद करने से तुझको निकलती है जां निकलती है जां
याद करने से तुझको निकलती है जां है जां है जां
भूल जाना अब तो मेरे बस में नहीं
नाम ले लेकर तड़पता है दिल है दिल है दिल
दिल दीवाना अब तो मेरे बस में नहीं
याद करने से तुझको ...कहते हैं ये जो मोहब्बत है
इससे तो कोई भी बचता नहीं नहीं
जान-ए-जां अब मेरी आँखों को
तेरे सिवा कोई जंचता नहीं नहीं
होके जुदा कैसे रहूं
दिल में है जो क्यूं ना कहूं
क्यूं ना कहूं जान-ए-जां
पास रहना है तेरे अपनी कसम कसम कसम
दूर जाना अब तो मेरे बस में नहीं
याद करने से तुझको ...लगता है सारा जहां अपना
जब मेरी बाहों में होती है तू तू
बस जाऊं मैं तेरी धड़कन में
अब तो है इस दिल की ये आरज़ू आरज़ू
आके ज़रा लग जा गले
दिल पे कोई बस ना चले
बदला है दिल का समां
याद करने से तुझको ...