आई अजल ऐ जिंदगी गम का जमाना तल गया - The Indic Lyrics Database

आई अजल ऐ जिंदगी गम का जमाना तल गया

गीतकार - ज़िया सरहदी | गायक - अमीरबाई | संगीत - नौशाद | फ़िल्म - एलान | वर्ष - 1947

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हाँ
आई अजल ऐ ज़िन्दगी
ग़म का ज़माना टल गया
अब क्या गिरेंगी बिजलियाँ
जब आशियाँ ही जल गयाआ ओ शब-ए-ग़म आये जा
सारे जहाँ पर छाये जा
अब तू ही तू रह जायेगी
अब कल न हरगिज़ आयेगी
वो दिन जो दुश्मन था तेरा
वो ज़िन्दगी का दिन मेरा
वो दिन हमेशा के लिये
हाँ दिन वही दिन भर गयाग़म का ज़माना टल गयाइस उम्र का अव्वलपना
इस उम्र का आख़िरपना
एक झूठ का दरबार है
बातिलपना ज़ाहिलपना
ये ज़िन्दगी कुछ भी नहीं -२
नाटक का झूठा खेल है
जब तक चला सो चल गयाग़म का ज़माना टल गयाहाँ
आई अजल ऐ ज़िन्दगी
ग़म का ज़माना टल गया
अब क्या गिरेंगी बिजलियाँ
जब आशियाँ ही जल गया