दो नैना मतवारे तिहारे - The Indic Lyrics Database

दो नैना मतवारे तिहारे

गीतकार - पं. भूषण | गायक - सहगल | संगीत - पंकज मलिक | फ़िल्म - मेरी बहन/मेरी बहन | वर्ष - 1944

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दुनिया में ग़रीबों को आराम नहीं मिलता

दुनिया में ग़रीबों को आराम नहीं मिलता

रोते हैं तो हँसने का पैग़ाम नहीं मिलता

ग़ुरबत की कहानी है आँखों की ज़ुबानी है

आग़ाज़ को रोते हैं अंजाम नहीं मिलता

सौ जाम ग़रीबी के क़िसमत ने पिलाये हैं

जिस जाम में राहत है वो जाम नहीं मिलता

जो कोई भी आता है ठोकर ही लगाता है

मर के भी ग़रीबों को आराम नहीं मिलता