ऐ मेरे दिल कही और चल - The Indic Lyrics Database

ऐ मेरे दिल कही और चल

गीतकार - शैलेंद्र | गायक - तलत महमूद | संगीत - शंकर जयकिशन | फ़िल्म - दाग | वर्ष - 1952

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ऐ मेरे दिल कहीं और चल
ग़म की दुनिया से दिल भर गया
ढूँढ ले अब कोई घर नया
चल जहाँ ग़म के मारे न हो
झूठी आशा के तारे न हो
उन बहारों से क्या फ़ायदा
जिस में दिल की कली जल गई
ज़ख़्म फिर से हरा हो गया
चार आँसू कोई रो दिया
फेर के मुँह कोई चल दिया
लूट रहा था किसी का जहां
देखती रह गई ये ज़मीं
चुप रहा बेरहम आसमां