साकी साकी दिल बुझ ही गया है सिने में - The Indic Lyrics Database

साकी साकी दिल बुझ ही गया है सिने में

गीतकार - डी एन मधोकी | गायक - जोहराबाई अंबलेवाली | संगीत - नौशाद | फ़िल्म - गीत | वर्ष - 1944

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साक़ी साक़ी
दिल बुझ ही गया है सीने में
कुछ लुत्फ़ नहीं अब जीने में
साक़ी साक़ी( साक़ी तेरे जाम वो जाम नहीं
क्या रखा है अब पीने में ) -२
साक़ी साक़ीसाक़ी पहली सी बात नहीं
पहले दिन पहली रात नहीं
जब तेरा ही वो हाथ नहीं -२
क्या रखा है फिर सीने में
साक़ी साक़ीअब सावन के दिन बीत गये
हम हार गये तुम जीत गये
साक़ी जब छोड़ के मीत गये -२
कुछ लुत्फ़ नहीं फिर जीने में
साक़ी साक़ीदिल बुझ ही गया है सीने में
कुछ लुत्फ़ नहीं अब जीने में
साक़ी साक़ी