ये तो जिंदगी है कभी कुशी है कभी गम - The Indic Lyrics Database

ये तो जिंदगी है कभी कुशी है कभी गम

गीतकार - माया गोविंद | गायक - किशोर कुमार, नितिन | संगीत - नितिन मंगेश | फ़िल्म - कैद | वर्ष - 1975

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ये तो ज़िन्दगी है कभी ख़ुशी है कभी ग़म -२
मेरी जाँ रोना नहीं दामन भिगोना नहीं
ज़ु ज़ु होगी सहर ज़ु ज़ु ओ मेरे सनम
ये तो ज़िन्दगी है ...बिछुआ बिछुआ
आँखों में जो आँसू भरे हैं
होंठों से अपने मैं इन्हें छीन लूँगा
राहों में जो काँटे बिछे हैं
पलकों से अपनी मैं इन्हें बीन लूँगा
मेरी प्रीत ये जान ले इतना सच मान ले
ज़ु ज़ु हारेंगे ग़म ज़ु ज़ु -२ जीतेंगे हम
ये तो ज़िन्दगी है ...मोती अभी लुटाए हैं तुमने
ज़रा मुस्कुरा के कलियाँ लुटा दो
जिसको कभी ग़म ना मिला हो
उस आदमी का तुम पता तो बता दो
मेरे यार कुछ तो कहो ज़ालिम अब तो हँसो
ज़ु ज़ु मर जाऊँगा ज़ु ज़ु -२ तुम्हारी क़सम
ये तो ज़िन्दगी है ...