मेरी प्यारी पतंग चलिए बादल के संग - The Indic Lyrics Database

मेरी प्यारी पतंग चलिए बादल के संग

गीतकार - शकील बदायुँनी | गायक - सहगान, शमशाद बेगम, उमा देवी | संगीत - नौशाद | फ़िल्म - दिल्लगी | वर्ष - 1949

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श : ( मेरी प्यारी पतंग
चली बादल के संग ) -२
ज़रा धीरे-धीरे हो ज़रा हौले-हौले
दे ढील दे ढील ओ री सखी
को : हाय वो काटा वो काटा वो काटा
देखो जी देखो जी
मेरी प्यारी पतंग
चली बादल के संगउ : ( मेरे दिल में उमंग
भरा उल्फ़त का रंग ) -२
ज़रा धीरे-धीरे हो ज़रा हौले-हौले
दे ढील दे ढील ओ री सखी
को : हाय वो काटा वो काटा वो काटा
देखो जी देखो जी
मेरे दिल में उमंग
भरा उल्फ़त का रंगश : ( मस्त जवानी देख पुकारें
दो नैना मतवाले
को : दो नैना मतवाले ) -२
श : ( है कोई ऐसा दिलवाला जो
हमसे पेंच लड़ा ले
को : हमसे पेंच लड़ा ले ) -२
श : देखो पतंग मोरी
गंगा के पार चली
को : गंगा के पार चली
श : ले के सन्देसा मोरा
साजन के द्वार चली
को : साजन के द्वार चली
श : ( पंछी से छीन लिया
उड़ने का ढंग ) -२को : ज़रा धीरे-धीरे हो ज़रा हौले-हौले
दे ढील दे ढील हो री सखी
हाय वो काटा वो काटा वो काटा
देखो जी देखो जी
मेरी प्यारी पतंग
चली बादल के संगउ : ( दो नैनों के पेंच लड़े
एक जीता और एक हारा
को : एक जीता एक हारा ) -२
उ : ( प्यार ने जिस दम ली अंगड़ाई
दिल ने कहा वो मारा
को : दिल ने कहा वो मारा ) -२
उ : कैसा ये पेंच पड़ा
माँझे की धार गई
को : माँझे की धार गई
उ : ऐसे में आ जा मोरे
साजन मैं हार गई
को : साजन मैं हार गई
उ : टूटे न डोर कहीं
कहीं छूटे न संगको : ज़रा धीरे-धीरे हो ज़रा हौले-हौले
दे ढील दे ढील हो री सखी
हाय वो काटा वो काटा वो काटा
देखो जी देखो जी
मेरे दिल में उमंग
भरा उल्फ़त का रंगदे ढील दे ढील
दे ढील दे ढील
वो काटा वो काटा
वो मारा