ओ नन्हे से फरिश्ते, तुझ से ये कैसा नाता - The Indic Lyrics Database

ओ नन्हे से फरिश्ते, तुझ से ये कैसा नाता

गीतकार - प्रेम धवन | गायक - मोहम्मद रफ़ी | संगीत - रवि | फ़िल्म - एक फूल दो माली | वर्ष - 1969

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ओ नन्हे से फरिश्ते, तुझ से ये कैसा नाता
कैसे ये दिल के रिश्ते
तुझे देखने को तरसे क्यो हर घड़ी निगाहें
बेचैन सी रहती हैं तेरे लिए ये बाहें
मुझे खुद पता नहीं है मुझे तुझसे प्यार क्यों है
नाजुक सा फूल है तू किसी और के चमन का
खुशबू से तेरी महके क्यों बाग मेरे मन का
मेरी ज़िन्दगी में छाई तुझ से बहार क्यों है
तू कुछ नहीं है मेरा, फिर भी ये तड़प कैसी
तुझे देखते ही खून में, उठती है क्यो लहर सी
हर वक्त मुझ को रहता, तेरा इंतजार क्यों है