ज्योत से ज्योत जगाते चलो - The Indic Lyrics Database

ज्योत से ज्योत जगाते चलो

गीतकार - भरत व्यास | गायक - मुकेश | संगीत - लक्ष्मीकांत प्यारेलाल | फ़िल्म - संत ज्ञानेश्वर | वर्ष - 1964

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ज्योत से ज्योत जगाते चलो, प्रेम की गंगा बहाते चलो
राह में आये जो दीन दुखी, सब को गले से लगाते चलो
कौन है ऊँचा, कौन है नीचा, सब में वो ही समाया
भेदभाव के झूठे भरम में ये मानव भरमाया
धर्म ध्वजा फ़हराते चलो
सारे जग के कणकण में है, दिव्य अमर एक आत्मा
एक ब्रम्ह है, एक सत्य है, एक ही है परमात्मा
प्राणों से प्राण मिलाते चलो