मेरे देस में पवन चले पुरवाई - The Indic Lyrics Database

मेरे देस में पवन चले पुरवाई

गीतकार - आनंद बख्शी | गायक - मोहम्मद रफ़ी | संगीत - लक्ष्मीकांत प्यारेलाल | फ़िल्म - जिगरी दोस्त | वर्ष - 1969

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मेरे देस में पवन चले पुरवाई, हो मेरे देस में
मेरे देस को देखने भाई सारी दुनिया आई
झिलमिल झिलमिल तारा चमके
डगमग डगमग नैया डोले
रिमझिम बादल बरसे रामा हो
गुनगुन गुनगुन भँवरे घूमे
झरझर झरझर झरने झूमे
छम छम पायल बाजे रामा हो
गैया नाचे, बाँसुरी बजाए रे कन्हाई
जीवन अपना सुंदर सपना
कौन पराया कौन है अपना
प्यार सभी का अपने दिल में हो
हर एक रंग के फूल हैं खिलते
हर मज़हब के लोग हैं मिलते
इस बगिया में इस महफ़िल में हो
हम सारे हैं भारतवासी, सब हैं भाई भाई
अंबुआ की डाली पे कोयल
गीत सुनाए कोमल कोमल
मेरे बाग की कलियों के हो
पतझड़ मस्त बहारों जैसे
पत्थर भी हैं तारों जैसे
मेरे गाँव की गलियो के
मेरे खेत की मट्टी ने सोने की सूरत पाई