श्रीरामचन्द्र कृपालु भज मन हरण-भव-भय-दारुणं - The Indic Lyrics Database

श्रीरामचन्द्र कृपालु भज मन हरण-भव-भय-दारुणं

गीतकार - गोस्वामी तुलसीदास | गायक - सहगान | संगीत - शंकर राव व्यास | फ़िल्म - भारत मिलाप | वर्ष - 1942

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सोचा था क्या क्या हो गया

सोचा था क्या क्या हो गया

अपना जिसे समझे थे हम

अफ़सोस वो अपना ना था

सोचा था क्या

गैरों कि इनमें क्या खता

करते हैं अपनों से गिला

क्या हो गया, क्या हो गया

सोचा था क्या

ऐ दिल ना रो, हैरान ना हो

होना था जो वो हो गया

रोने से अब क्या फ़ायदा

क्या हो गया, क्या हो गया

सोचा था क्या

जो कुछ भी देखा ख्वाब था

इस ख्वाब को अब भूल जा

भूल जा

क्या हो गया, क्या हो गया

सोचा था क्या