जीने की सूरत हो गई समाझो के मोहब्बत हो गई - The Indic Lyrics Database

जीने की सूरत हो गई समाझो के मोहब्बत हो गई

गीतकार - नज़ीर हैदराबादी | गायक - मुकेश, हमीदा बानो | संगीत - एम ए रऊफ (उस्मानिया) | फ़िल्म - तोहफा | वर्ष - 1947

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जीने की सूरत हो गई
और तेरी बदौलत हो गई
जब दर्द से चाहत हो गई -२
समझो के मोहब्बत हो गई -२जब हौले-हौले मन डोले
और अपनी धुन में कुछ बोले
नैनों में काजल रस घोले
समझो के मोहब्बत ...जब रतियाँ नाचें गाएँ
जब तारे साज़ बजाएँ
और झूमें मस्त घटाएँ
समझो के मोहब्बत ...बेवजह कलाई जब छनके
छन-छन छन-छन पायल छनके
और नयन का प्याला भी खनके
समझो के मोहब्बत ...