पादल चल रह हुं अकेला है मिस्टर खिलाडी - The Indic Lyrics Database

पादल चल रह हुं अकेला है मिस्टर खिलाडी

गीतकार - देव कोहली | गायक - अलका याज्ञनिक, उदित नारायण | संगीत - अनु मलिक | फ़िल्म - मिस्टर एंड मिसेज खिलाड़ी | वर्ष - 1997

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पैदल चल रहा हूँ गाड़ी चाहिए
जीवन के सफ़र में सवारी चाहिए
अकेला है misterखिलाड़ी missखिलाड़ी चाहिए
पैदल चल रहा हूँ ...जवानी कटेगी अकेले में कैसे
न लड़की है कोई न pocketमें पैसे
मेरे घर के चक्कर लगाते हैं लड़के
मगर वो न आया जो है सबसे बढ़के
पहाड़ों की ठंडी बर्फ़ हो लड़की कोई उस तरह हो
लड़का मिले इक खिलाड़ी मगर पास हो उसके गाड़ी
मैं हूँ इक कुंवारा कुंवारी चाहिए
दिल को जीत ले जो वो जुआरी चाहिए
अकेला है misterखिलाड़ी ...मिले कोई लड़की मुझे सफ़र में
मेरा दिल चुरा ले जो बस इक नज़र में
मिले ऐसा लड़का जो नींदें उड़ा ले
जो पलकों की छांव में मुझको बिठा ले
कहां मेरी जान-ए-जिगर है न जाने कहां है किधर है
ये कैसा गज़ब का शहर है अकेला हूँ लोगों का डर है
मैं हूँ इक कुंवारा कुंवारी चाहिए
दिल को जीत ले जो वो जुआरी चाहिए
अकेला है misterखिलाड़ी ...