मुखड़ा देख ले प्राणी जरा दर्पण में - The Indic Lyrics Database

मुखड़ा देख ले प्राणी जरा दर्पण में

गीतकार - प्रदीप | गायक - प्रदीप | संगीत - वसंत देसाई | फ़िल्म - दो बहनें | वर्ष - 1959

View in Roman

मुखड़ा देख ले, देख ले
मुखड़ा देख ले प्रानी ज़रा दरपन में हो
देख ले कितना पुण्य है कितना पाप तेरे जीवन में
देख ले दरपन में
मुखड़ा देख ले प्रानी ज़रा दरपन मेंकभी तो पल भर सोच ले प्रानी, क्या है तेरी करम कहानी -२
पता लगा ले
पता लगा ले पड़े हैं कितने दाग़ तेरे दामन में
देख ले दरपन में
मुखड़ा देख ले प्रानी ज़रा दरपन मेंख़ुद को धोखा दे मत बन्दे, अच्छे न होते कपट के धन्धे -२
सदा न चलता
सदा न चलता किसी का नाटक दुनिया के आँगन में
देख ले दरपन में
मुखड़ा देख ले प्रानी ज़रा दरपन में हो
देख ले कितना पुण्य है कितना पाप तेरे जीवन में
देख ले दरपन में
मुखड़ा देख ले प्रानी