ढलती जाए रात कह ले दिल की बाती - The Indic Lyrics Database

ढलती जाए रात कह ले दिल की बाती

गीतकार - आनंद बख्शी | गायक - मोहम्मद रफ़ी, आशा भोंसले | संगीत - लच्छी राम | फ़िल्म - रजिया सुल्तान | वर्ष - 1961

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र : ढलती जाए रात कह ले दिल की बात
शमा-परवाने का न होगा फिर साथ
ढलती जाए रात ...आ : मस्त नज़ारे चाँद सितारे रात के मेहमाँ हैं ये सारे
उठ जाएगी शब की महफ़िल नूर-ए-सहर के सुनके नक्कारे
र : हो न हो दुबारा मुलाक़ात
ढलती जाए रात ...नींद के बस में खोई-खोई कुल दुनिया है सोई-सोई
ऐसे में भी जाग रहा है हम-तुम जैसा कोई-कोई
आ : क्या हसीं है तारों की बारात
र : ढलती जाए रात ...आ : जो भी निग़ाहें चार है करता उसपे ज़माना वार है करता
र : हूँ राह-ए-वफ़ा का बन के राही फिर भी तुम्हें दिल प्यार है करता
आ : बैठा ना हो ले के कोई घात
र : हूँ ढलती जाए रात ...