मेरे बिछड़े साथी सुनता जा - The Indic Lyrics Database

मेरे बिछड़े साथी सुनता जा

गीतकार - मजरूह सुल्तानपुरी | गायक - लता मंगेशकर | संगीत - मदन मोहन | फ़िल्म - चिराग | वर्ष - 1969

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मेरे बिछड़े साथी सुनता जा
मेरे गीत हैं तेरे लिए
कल जो लगी थी तेरे गले से
आज वो बिरहन पथ में पड़ी है
पाँव के नीचे जलती है धरती
सर पे बिरह की धुप खड़ी है
दीपक से लौ दूर हो जैसे
जैसे किरन सूरज से पराई
देखी ना होगी जग ने साँवरिया
ऐसी मिली है मुझको जुदाई
प्यार सहारा था जीवन का
प्यार ही मुझको रास न आया
अब है भटकना गलियों गलियों
साथ लिए अपनी ही छाया