खुशियाँ और ग़म - The Indic Lyrics Database

खुशियाँ और ग़म

गीतकार - समीर | गायक - उदित नारायण, अनुराधा पौुदवाल | संगीत - संजीव दर्शन | फ़िल्म - मन | वर्ष - 1999

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खुशियाँ और ग़म सहती हैं 
फिर भी ये चुप रहती हैं 
अबतक किसी ने ना जाना 
ज़िन्दगी क्या कहती है]x २  

अपनी कभी तो कभी अजनबी 
आसूं कभी तो कभी है हंसी 
डर या कभी तो कभी तिश्नगी 
लगती है ये तो

खुशियाँ और ग़म सहती हैं 
फिर भी ये चुप रहती हैं 
अबतक किसी ने ना जाना 
ज़िन्दगी क्या कहती है

खामोशियों की धीमी सदा है 
ये ज़िन्दगी तो रब की दुआ है 
छू के किसी ने इसको देखा कभी ना 
एहसास की है खुशबू महकी हवा है 

खुशियाँ और ग़म सहती हैं 
फिर भी ये चुप रहती है 
अबतक किसी ने ना जाना 
ज़िन्दगी क्या कहती है
आहा आ हम्म हूं..

मन से कहो तुम, मन की सुनो तुम 
मन मीत कोई, मन का चुनो तुम 
कुछ भी कहेगी दुनिया, दुनिया की छोडो 
पलकों में सजके झिलमिल 
सपने बनाओ तुम 

खुशियाँ और ग़म सहती हैं 
फिर भी ये चुप रहती हैं 
अबतक किसी ने ना जाना 
ज़िन्दगी क्या कहती है

अपनी कभी तो कभी अजनबी 
आसूं कभी तो कभी है हंसी 
डर या कभी तो कभी तिश्नगी 
लगती है ये तो 

खुशियाँ और ग़म सहती है
खुशियाँ और ग़म सहती है
फिर भी ये चुप रहती है
फिर भी ये चुप रहती है
अबतक किसी ने ना जाना 
अबतक किसी ने ना जाना 
ज़िन्दगी क्या
ज़िन्दगी क्या कहती है