मेरा तो जो भी कदम है, वो तेरी राह में है - The Indic Lyrics Database

मेरा तो जो भी कदम है, वो तेरी राह में है

गीतकार - मजरूह सुल्तानपुरी | गायक - मोहम्मद रफ़ी | संगीत - लक्ष्मीकांत प्यारेलाल | फ़िल्म - दोस्ती | वर्ष - 1964

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मेरा तो जो भी कदम है, वो तेरी राह में है
कि तू कहीं भी रहे तू मेरी निगाह में है
खरा है दर्द का रिश्ता तो फिर जुदाई क्या
जुदा तो होते हैं वो खोट जिनकी चाह में है
छुपा हुआ सा मुझी में है तू कहीं ऐ दोस्त
मेरी हँसी में नहीं है, तो मेरी आह में है