जमाने के देखे हैं रंग हजार - The Indic Lyrics Database

जमाने के देखे हैं रंग हजार

गीतकार - समीर | गायक - अनुराधा पौडवाल, अभिजीत | संगीत - नदीम, श्रवण | फ़िल्म - सड़क | वर्ष - 1991

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ज़माने के देखे हैं रंग हज़ार नहीं कुछ सिवा प्यार केतू है सनम मेरी पहली मुहब्बत तुझ पे लुटा दूं मैं दुनिया की चाहत
ज़ुल्फ़ों के साये में जीना है मुझको दिल की पनाहों में रखूंगा तुझको
इस बेकरारी में आये करार
नहीं कुछ सिवा ...आ के तू लग जा गले मेरे यार
नहीं कुछ सिवा ...चाहत का रंगीन अरमान बन के तुम दिल में रहना मेरी जान बन के
तेरी मुहब्बर में मैं हूँ दीवानी तेरी अमानत ये ज़िंदगानी
हर साँस मेरी है तुझ पे निसार
नहीं कुछ सिवा ...