पोंछकर अश्क अपनी आँखों से - The Indic Lyrics Database

पोंछकर अश्क अपनी आँखों से

गीतकार - साहिर लुधियानवी | गायक - मोहम्मद रफ़ी | संगीत - एन. दत्ता | फ़िल्म - नया रास्ता | वर्ष - 1970

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पोंछकर अश्क अपनी आँखों से
मुस्कुराओ तो कोई बात बने
सर झुकाने से कुछ नहीं होता
सर उठाओ तो कोई बात बने
ज़िंदगी भीख में नहीं मिलती
ज़िन्दगी बढ़के छीनी जाती है
अपना हक़ संगदिल ज़माने से
छीन पाओ तो कोई बात बने
रंग और नस्ल, जात और मज़हब
जो भी हो आदमी से कमतर है
इस हक़ीक़त को तुम भी मेरी तरह
मान जाओ तो कोई बात बने
नफरतों के जहाँ में हमको
प्यार की बस्तियाँ बसानी है
दूर रहना कोई कमाल नहीं
पास आओ तो कोई बात बने