सुन ले तू दिल की सदा - The Indic Lyrics Database

सुन ले तू दिल की सदा

गीतकार - मजरूह सुल्तानपुरी | गायक - मोहम्मद रफ़ी | संगीत - एस डी बर्मन | फ़िल्म - तेरे घर के सामने | वर्ष - 1963

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#ःअप्प्य वेर्सिओन
सुन ले तू दिल की सदा,प्यार से प्यार सजा -२
सुन ले तू दिल की सदामेरी आवाज़ का तीर,जायेगा दिल को भी जीर? -२
खोये नफ़रत,लाये उलफ़त
ये असर है मेहरबां
सुन ले तू दिल की सदा ...प्यार रस्ता है मेरा,ऐसा राहि हूँ तेरा -२
न रहूँ मैं,न रहे तू
पर रहेगी दास्तां
सुन ले तू दिल की सदा ...दो दिलों की ये लगन,जाने धरती और गगन -२
तू जहाँ है,मैं वहाँ हूँ
जिस्म दो है,एक जान
सुन ले तू दिल की सदा ...#Sअद वेर्सिओन
सुन ले तू दिल की सदा,प्यार से प्यार सजा -२
सुन ले तू दिल की सदाआज तक जो भी हुआ,झूटे जगड़ों ने किया
आज तक जो भी हुआ
आज तक जो भी हुआ,झूटे जगड़ों ने किया
प्यार होता तो कुछ ना होता,ना उजड़ते आशियां
सुन ले तू दिल की सदा ...प्यार जिसने ना किया,खाक दुनिया में जिया
प्यार जिसने ना किया
प्यार जिसने ना किया,खाक दुनिया में जिया
उसक जीवन कोई जीवन,जैसे वीरान बस्तियां
सुन ले तू दिल की सदा ...प्यार जिस दिल में जवाँ,समझो भगवान वहाँ
प्यार जिस दिल में जवाँ
प्यार जिस दिल में जवाँ,समझो भगवान वहाँ
मान ले तू और समझ ले,ढड़कनों की ये ज़ुबाँ
सुन ले तू दिल की सदा ...