चले हम दो जान सैर को चले संग चली हरियाली - The Indic Lyrics Database

चले हम दो जान सैर को चले संग चली हरियाली

गीतकार - मजरूह सुल्तानपुरी | गायक - कुमार शानू, उदित नारायण | संगीत - राजेश रोशन | फ़िल्म - युगपुरुष | वर्ष - 1998

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चले हम दो जन सैर को चले संग चली हरियाली
ऐसी लगे हरी भरी जैसे तेरी मेरी यारी
चले हम दो जन सैर को चले ...पर्वत के संग खेले झरना झरने के संग डोले तराना
पेड़ के संग जैसे झूला झूलें अपना बचपन सुहाना
कल जो अकेली ज़िंदगी थी आज लगे कैसी प्यारी
चले हम दो जन सैर को चले ...आज से तो इस दोस्ती में सभी को पीछे हम छोड़ जाएं
छोड़े काहे पीछे किसी को सभी को अपने संग क्यों ना लाएं
दोस्ती अपनी रहे सलामत अपनी है दुनिया सारी
चले हम दो जन सैर को चले ...