गीतकार - कैफ़ी आज़मी | गायक - गीता दत्त | संगीत - Nil | फ़िल्म - कागज के फूल | वर्ष - 1959
View in Roman ज़िंदगी की कोई कड़ी होगी'>वक़्त की उम्र क्या बड़ी होगी
इक तेरे वस्ल की घड़ी होगी
दस्तकें दे रही है पलकों पर
कोई बरसात की झड़ी होगी
क्या ख़बर थी के नोक-ए-ख़ंजर भी
फूल की एक पंखड़ी होगी
क्यों गिरह गेसुओं में डाली है
जां किसी फूल की अड़ी होगी
इल्तजा का मलाल क्या कीजे
उनके दर पर कहीं पड़ी होगी
मौत कहते हैं जिसको ऐ 'सागर'
ज़िंदगी की कोई कड़ी होगी