वक्त करता जो वफा, आप हमारे होते - The Indic Lyrics Database

वक्त करता जो वफा, आप हमारे होते

गीतकार - इंदिवर | गायक - गुलाम अली | संगीत - कल्याणजी आनंदजी | फ़िल्म - नग्मा-ए-दिल | वर्ष - 1991

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वक्त करता जो वफ़ा आप हमारे होते
हम भी औरों की तरह आपको प्यारे होते
अपनी तकदीर में पहले ही से कुछ तो ग़म हैं
और कुछ आप की फितरत में वफ़ा भी कम है
वर्ना जीती हुई बाज़ी तो ना हारे होते
हम भी प्यासे हैं ये साकी को बता भी न सकें
सामने जाम था और जाम उठा भी न सकें
काश हम गैरत-ए-महफ़िल के न मारे होते
दम घूटा जाता है सीने में फिर भी ज़िंदा हैं
तुम से क्या, हम तो जिन्दगी से भी शरमिंदा हैं
मर ही जाते ना जो यादों के सहारे होते