क़दम क़दम पे बहारें लुटाता - The Indic Lyrics Database

क़दम क़दम पे बहारें लुटाता

गीतकार - प्रेम धवन | गायक - लता, रफी | संगीत - चित्रगुप्त | फ़िल्म - मैडम XYZ | वर्ष - 1959

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क़दम क़दम पे बहारें लुटाता
ये कौन आया है आँचल उड़ाता
तेरी नज़र का मिला जो इशारा
तो आ गया कोई दामन बचाता
नज़र में शोख़ी लबों पे मस्ती
तुम्हीं बताओ ये कैसी अदा है
ज़रा सँभलके मिलाओ आँखें
के फिर न कहना हमारी ख़ता है
मेरी ख़ताओं पे यूँ मुस्कुराता
ये कौन आया है आँचल उड़ाता
तेरी नज़र का मिला जो इशारा
ये कसीइ हलचल उठी है दिल में इ
के चल्ते चल्ते क़दम डगमगाए
नई नई है अभी मोहबात
न जाने आगे ये क्या गुल खिलाए
तेरी मोहब्बत ने जब ही पुकारा
तो आ गया कोई दामन बचाता
क़दम क़दम पे बहारें लुटाता