पिया संग खेलो होली, फागुन आयो रे - The Indic Lyrics Database

पिया संग खेलो होली, फागुन आयो रे

गीतकार - मजरूह सुल्तानपुरी | गायक - लता मंगेशकर | संगीत - सचिन देव बर्मन | फ़िल्म - फागुन | वर्ष - 1973

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पिया संग खेलो होली, फागुन आयो रे
चुनरिया भिगो ले गोरी, फागुन आयो रे
देखो जिस और मच रहा शोर
गली में अबीर उड़े, हवा में गुलाल
कहीं कोई हाय, तन को चुराये
चली जाये देती गारी, पोंछे जाये गाल
करे कोई जोरा-जोरी फागुन आयो रे
कोई कहे सजनी, सुनो पुकार
बरस बाद आये तोहरे द्वार
आज तो मोरी गेंदे की कली
होली के बहाने मिलो एक बार
तन पे है रंग, मन पे है रंग
किसी मतवारे ने क्या रंग दियो डाल
फुलवा के पार गोरी तोरे गाल
नैनों में गुलाबी डोरे, मुख पे बहार
भीगी सारी, भीगी चोली, फागुन आयो रे