माया का आंचल जले काया का अभिमान: - The Indic Lyrics Database

माया का आंचल जले काया का अभिमान:

गीतकार - न्याय शर्मा | गायक - मोहम्मद रफ़ी, उषा मंगेशकर | संगीत - जयदेव | फ़िल्म - किनारे किनारे | वर्ष - 1963

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माया का आँचल जले काया का अभिमान
जो आया वो जाएगा होनी है बलवानओ पगले, ओ पगले
देर न होगी पलछिन की
के जिस दिन चल चल चल होगी ...जिस जग पर भरमाया मूरख
पल दो पल का डेरा
प्राणी, पल दो पल का डेरा
ये दुनिया कब हुई किसी की -२
चिड़िया रैन बसेरा
प्राणी, चिड़िया रैन बसेराओ पगले, ओ मूरख
याद तो कर उस दिन की
के जिस दिन चल चल चल होगी ...माया का आँचल जले काया का अभिमान
जो आया वो जाएगा होनी है बलवानटूटेगी जब साँस की डोरी
बिखर जाएँगे सपने
तेरे बिखर जाएँगे सपने
तुझे उठा शमशान चलेंगे -२
जो हैं तेरे अपने -२
प्राणी, जो हैं तेरे अपनेओ पगले, ओ मूरख
धूल उड़ेगी जीवन की
के जिस दिन चल चल चल होगी ...