तू प्यार का सागर है - The Indic Lyrics Database

तू प्यार का सागर है

गीतकार - शैलेंद्र सिंह | गायक - सहगान, मन्ना दे | संगीत - शंकर, जयकिशन | फ़िल्म - सीमा | वर्ष - 1955

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तू प्यार का सागर है
तेरी इक बूँद के प्यासे हम
लौटा जो दिया तुमने, चले जायेंगे जहाँ से हम
तू प्यार का सागर है ...घायल मन का, पागल पंछी उड़ने को बेक़रार
पंख हैं कोमल, आँख है धुँधली, जाना है सागर पार
जाना है सागर पार
अब तू हि इसे समझा, राह भूले थे कहान से हम
तू प्यार का सागर है ...इधर झूमती गाये ज़िंदगी, उधर है मौत खड़ी
कोई क्या जाने कहाँ है सीमा, उलझन आन पड़ी
उलझन आन पड़ी
कानों में ज़रा कह दे, कि आये कौन दिशा से हम
तू प्यार का सागर है ...