कल नहीं था वो क्या है आज ये चार हि दिन की थी ये रहगुजर - The Indic Lyrics Database

कल नहीं था वो क्या है आज ये चार हि दिन की थी ये रहगुजर

गीतकार - पी के मिश्रा | गायक - हरिहरन, सुजाता | संगीत - ए आर रहमान | फ़िल्म - विश्वविधाता | वर्ष - 1997

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कल नहीं था वो क्या है आज येकह गईं ये हवायें क्या मुझेकहीं ये ख़ाब तो नहीं कहीं ये प्यार तो नहींहरदम आस हो गई क्यूँ मन मेंकल नहीं था वो क्या है आज ये
कह गईं ये हवायें क्या मुझेये क्या हाल हो गया मुझ को ये क्या हो गयाहरदम आस हो गई क्यूँ मन मेंहै ख़ुदा भी कहाँ माँ की ममता बिनास्वप्न आते नहीं प्यार जागे बिनाहै कहाँ ये मोहब्बत चाहतों के बिनाधड़कनों की ज़ुबां धड़कनों ने सुनीउठ रहा है धुआँ आग तो है वहींप्यार मिलता जहाँ पर ज़िंदगी है वहीँआसमाँ है जहाँ हैं सितारे वहाँचाँदनी है जहाँ चंद्रमा है वहाँमंज़िलें हैं वही पे प्यार होता जहाँप्यार की राह में आप जो मिल गएराह में हज़ारों दीप क्यूँ जल गयेआज क्यूँ मेरे मन में फूल खिल गयेकल नहीं था वो क्या है आज ये
कह गईं ये हवायें क्या मुझेगहरी नींद सो गई वीरानों में खो गईकैसे मेरी ज़िंदगी गुजरेगीचार ही दिन की थी ये रहगुज़रहो गया आज पूरा ये सफ़रतेरे प्यार की क़सम मेरी याद में सनमअब ये तेरी ज़िंदगी गुज़रेगीख़त्म होती नहीं प्यार की दास्ताँखिल रही है सदा प्यार से ही फ़िज़ावक़्त से भी पुराना है ये सिलसिलाबरसने तलक है बादलों का सफ़रज़िंदगी तलक है ज़िंदगी का सफ़रप्यार का ये सफ़र तो है सदा अमरक्या पता था मुझे क्या है मेरी मंज़िलक्या पता था तुझे टूट जायेगा दिलजा रहे थे कहाँ हम आ गये किधरमिल के है बिचड़ना ये हवा कह गईग़म का ये हादसा किस तरह सह गईज़िंदगी तो गुजर गई याद रह गई