मगर ऐ हसीना ए बेखबर - The Indic Lyrics Database

मगर ऐ हसीना ए बेखबर

गीतकार - अजीज कश्मीरी | गायक - मोहम्मद रफ़ी, सुलोचना कदम | संगीत - श्यामसुंदर | फ़िल्म - ढोलक | वर्ष - 1951

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र: मगर ऐ हसीना-ए-बेख़बर
ज़रा देख चुपके से इक नज़र
मैं हूँ बेक़रार नहीं नहीं
मुझे तुझसे प्यार नहीं नहीं
मगर ऐ हसीना-ए-बेख़बर
सु: मगर ऐ रसीले तू नौजवाँ
न सुना मोहब्बत की दास्ताँ
तेरा ऐतबार नहीं नहीं
मुझे तुझसे प्यार नहीं नहीं
मगर ऐ रसीले तू नौजवाँर: तू कहे अगर तो मैं जान-ओ-दिल -२
तेरी इक निगाह पे वार दूँ -२
मैं फ़लक़ से तारों को नोच कर -२
तेरी ओढ़नी को सँवार दूँ -२मगर ऐ हसीना-ए-बेख़बर
ज़रा देख चुपके से इक नज़र
मैं हूँ बेक़रार नहीं नहीं
मुझे तुझसे प्यार नहीं नहीं
मगर ऐ हसीना-ए-बेख़बरसु: तू हसीं भी है तू जवाँ भी है -२
कोई कह दे तुझमें कमीं है क्या -२
कोई कैसे तुझको बता सके -२
के ये दिल लगाना हँसी है क्या -२
करूँ आँखें चार नहीं नहीं
मुझे तुझसे प्यार नहीं नहींमगर ऐ रसीले तू नौजवाँ
र: मगर ऐ हसीना-ए-बेख़बर
दो: मैं हूँ बेक़रार नहीं नहीं
मुझे तुझसे प्यार नहीं नहीं
र: मगर ऐ हसीना-ए-बेख़बर
सु: मगर ऐ रसीले तू नौजवाँ