जो वादा किया वो निभाना पडेगा - The Indic Lyrics Database

जो वादा किया वो निभाना पडेगा

गीतकार - साहिर लुधियानवी | गायक - लता - रफी | संगीत - रोशन | फ़िल्म - ताज महल | वर्ष - 1963

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जो वादा किया वो निभाना पडेगा
रोके ज़माना चाहे, रोके ख़ुदाई, तुमको आना पडेगा
तरसती निगाहों ने आवाज़ दी है
मोहब्बत की राहों ने आवाज़ दी है
जान-ए-हया, जान-ए-अदा, छोड़ो तरसाना
तुमको आना पडेगा
ये माना हमें जाँ से जाना पड़ेगा
पर ये समझ लो तुमने जब भी पुकारा, हमको आना पड़ेगा
हम अपनी वफ़ा पे ना इल्ज़ाम लेंगे
तुम्हें दिल दिया है, तुम्हें जाँ भी देंगे
जब इश्क़ का सौदा किया फिर क्या घबराना, हमको आना पड़ेगा
चमकते हैं जब तक ये चाँद और तारे
ना टूटेंगे अब अहद-ओ-पैमां हमारे
एक दूसरा जब दे सदा हो के दीवाना, हमको आना पड़ेगा
सभी अहल-ए-दुनिया ये कहते हैं हमसे
कि आता नहीं कोई मुल्क-ए-अदम से
आज ज़रा शान-ए-वफ़ा देखे ज़माना, तुमको आना पड़ेगा
ये माना हमें जाँ से जाना पड़ेगा
पर ये समझ लो तुमने जब भी पुकारा, हमको आना पड़ेगा

हम आते रहे हैं, हम आते रहेंगे
मोहब्बत की रस्में निभाते रहेंगे
जान-ए-वफ़ा तुम दो सदा, फिर क्या ठिकाना, हमको आना पड़ेगा
हमारी कहानी तुम्हारा फ़साना
हमेशा हमेशा कहेगा ज़माना
कैसी फ़ना, कैसी कज़ा, हमको है आना, हमको आना पड़ेगा