इंसान हंसे या रो कहानी क़िस्मत कि - The Indic Lyrics Database

इंसान हंसे या रो कहानी क़िस्मत कि

गीतकार - राजिंदर कृष्ण | गायक - मुकेश | संगीत - कल्याणजी, आनंदजी | फ़िल्म - कहानी क़िस्मत की | वर्ष - 1973

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इन्सान हँसे या रोए जो होना है सो होए
क्या होना है कब होना है लिखने वाला जाने
कहानी कहानी क़िस्मत कीको : कहानी क़िस्मत कीमन ही मन नादान ज़माना समझे के तदबीर बड़ी है
ये न सोचो क़दम-क़दम पर रास्ते में तक़दीर खड़ी है
हार है किसकी जीत है किसकी लिखने वाला जाने
कहानी कहानी क़िस्मत कीको : कहानी क़िस्मत कीकभी अर्श है कभी फ़र्श है दुनिया की रीत पुरानी
कहीं पे सरगम कहीं पे मातम हर इक शै है आनी-जानी
क्यूँ सुख-दुख के मौसम बदले लिखने वाला जाने
कहानी कहानी क़िस्मत कीको : कहानी क़िस्मत कीजीवन के जितने दिन होंगे उसमें इक दिन कम न होगा
जिसने राज़ ये जान लिया है फिर उसको कोई ग़म न होगा
कब तक लगा रहे ये मेला लिखने वाला जाने
कहानी कहानी क़िस्मत कीको : कहानी क़िस्मत कीहोते-होते भी अनहोनी बात कोई ऐसी हो जाए
मंज़िल पर राही जब पहुँचे देखे तो मंज़िल खो जाए
अभी हक़ीक़त अभी है सपना लिखने वाला जाने
कहानी कहानी क़िस्मत कीको : कहानी क़िस्मत की